William Safire’s Rules for Writers


·         Remember to never split an infinitive.
·         The Passive voice should never be used.
·         Do not put statements in the negative form
·         Verbs have to agree with their subject.
·         Proofread carefully to see if your words out.
·         If you reread your work, you can find on rereading a great deal of repetition can be by rereading and editing.
·         A writer must not shift your point of view.
·         And don’t start a sentence with a conjunction. (Remember, too, a preposition is a terrible word to end a sentence with.)
·         Don’t overuse exclamation marks!!!
·         Place pronouns as close as possible, especially in long sentences, as of 10 or more words, to their antecedents.
·         Writing carefully, dangling participles must be avoided.
·         If any word is improper at the end of a sentence, a linking verb is.
·         Take the bull by the hand and avoid mixing metaphors.
·         Avoid trendy locutions that sound flaky.
·         Everyone should be careful to use a singular pronoun with singular nouns in their writing.
·         Always pick on the correct idiom.
·         The adverb always follows the verb.
·         Last but not least, avoid clichés like the plague; seek viable alternatives.

English words that do not have vowels?


It depends what you mean by “vowel” and “word”. There are two things we mean by the word “vowel” : a speed sound made with the vocal tract open a letter of the alphabet standing for a spoken vowel (Look up vowel for a more detailed definition). Cwm and Crwth do not contain the letters a, e, I, o, u, or y the usual vowels (that is, the usual symbols that stand for vowel sounds) in English. But in those words the letter ‘w’ simply serves instead, standing for the same sound that “oo” stands for in the word boom and booth. Dr., nth (as in “to the nth degree”) and TV also do not contain any vowel symbols, but they, like cwm and crwth, do contain vowel sounds. Shh, psst, and mm-hmm do not have vowels, either vowel symbols or vowel sounds. There is Some controversy whether they are in fact “words”, however. But if a word is “the smallest unit of grammar that can stand alone as a complete utterance, separated by spaces in written language and potentially by pauses in speech” as it is according to The Cambridge Encyclopedia of Language), then those do qualify. Psst, though, is the only one that appears in the Oxford English Dictionary.

हिमालय पर्वत श्रेणी का उदय


Himalaya
अब तक किये गए शोधों के अनुसार आज से तक़रीबन 4  करोड़ साल पूर्व 'टर्शरी काल' में हिन्दू भूखंड से विशाल यूरेशियन भूखंड के टकराने से हिमालय अस्तित्व में आया. 'प्लेट टेकटोनिक' सिद्धांत के अनुसार , पृथ्वी की ऊपरी कठोर सतह तक़रीबन एक दर्जन भूखंडों में विभाजित है. वैज्ञानिक खोजो से पता चला है की पृथ्वी जीवंत चट्टानों से बनी हुई है, जो 'टेक्टोनिक प्लेटो' की रूप में निरंतर गतिशील है. ये प्लेटें दो प्रकारकी हैं ----
(1) 60 -65  किलोमीटर गहरी महाद्वीपीय प्लेटें
(2) 10 -15  किलोमीटर गहरी महासागरीय प्लेटें
ये प्लेटें पृथ्वी की पिघले हुए क्रोड़ पर तैरती रहती हैं तथा हजारों किलोमेटेर चौड़ी होती हैं. महासागर, महाद्वीप, नदियां, पर्वत, मैदान आदि इन गतिशील प्लाटों पर सवार यात्रियों की तरह हैं. पृथ्वी की क्रोड़ की सक्रियता की कारन ये प्लेट या भूखंड 1 -10  सेंटीमीटर प्रतिवर्ष की दर्ज़ गतिशील रहती हैं. इस प्रक्रिया में कई चीजें देखने को मिलती हैं, मसलन जब ये प्लेटें एक दूसरेसे दूर-दूर होती जाती हैं तो नया 'मैग्मा' ऊपर आ जाता है और महासागरों की बीच पर्वत मेखलाएं बन जाती हैं. कहीं कहीं ये भूखंड या प्लेट एक दुसरे की सापेक्ष रगड़कर घिसती हैं तो बड़े बड़े भ्रंश बन जाते हैं, जैसे ---
केलिफोर्निआ में अगर ये प्लेट एक दूसरे की नीचे आ जाती हैं तो वहां ज्वालामुखी अथवा पर्वत श्रंखला बन जाती हैं. हिमालय पर्वत श्रेणी का उदय भी इसी प्रकार की प्रक्रिया से हुआ है. दरअसल आज जहाँ हिमालय पर्वत तथा उत्तर का विशाल मैदान है, वह कभी 'टेथिस सागर' हुआ करता था. अब तक किये गए शोधों से यह बात सामने आई है की लगभग 4 करोड़ वर्ष पूर्व हिन्द भूखंड तथा यूरेशियन भूखंड की आपस में टक्कर की बाद टेथिस सागर सिकुड़ता चला गया तथा जो 'मैग्मा' ऊपर आया वह धीरे धीरे मोड़दार पर्वतों की एक श्रंखला ( हिमालय ) की रूप में सामने आया. वैज्ञानिको का मानना है की 'टर्शरी काल' की उत्तरार्ध में लगभग 1  करोड़ वर्ष पूर्व मुख्य विवर्तनिक ( टेक्टॉनिक्स ) प्रक्रियाएं तो समाप्त हो गयी. मगर आंशिक विवर्तनिक प्रक्रियाएं आज भी जारी हैं. हिन्द प्लेट आज भी 5 .5  मिमी प्रतिवर्ष  की गति से यूरेशियन प्लेट की अंदर धंस रही है, जिससे हिमालय पर्वत की ऊंचाई प्रतिवर्ष 1 -2 सेमी बढ़ रही है तथा यह दो सेमी प्रतिवर्ष की दर से उत्तर-पूर्व की ओर गतिशील है.

Before Christ ( B.C. )

अंग्रेजी में B.C. ( हिंदी में ई. पू. ) का तात्पर्य Before Christ ( ईसा पूर्व ) से है  कभी कभी आप तिथियों से पहले A.D. ( हिंदी में ई. ) लिखा पाते है  यह Anno Domini नमक दो लैटिन शब्दों से बना है और इसका तात्पर्य ईसा मसीह के जन्म के वर्ष से है  आजकल A.D. की जगह C.E. , B.C. की जगह B.C.E. का प्रयोग होता है  C.E. का प्रयोग Comman Era तथा B.C.E. , Before Comman Era के लिए होता है  हम इन शब्दों का प्रयोग इसलिए करते हैं क्योकि विश्व के अधिकांश देशों में Comman Era का प्रयोग अब सामान्य हो गया है कभी कभी B.P. का भी प्रयोग किया जाता है जिसका तात्पर्य Before Present है

when was the first dictionary made ?


The western tradition of dictionary making bean with Greeks when changes in the language made many words in the literature unintelligible to readers. During the Middle Ages, when Latin was the language of learning, dictionaries of Latin words were compiled.
The First Dictionary of English appeared in 1604  -  Robert Cawdry’s  “A Table Alpphabetical “. This work contained about  3000 words  but was so dependent upon three sources that it can rightly called a plagiarism. Early dictionaries were generally small and defined ‘hard’ words and were made by men in their leisure time as a hobby. John Kersey the younger is regarded as The First Professional Lexicographer whose introductory work,  “A New English Dictionary” appeared in 1702. Kersey’s accomplishments were superseded in 1720’s by Nathan Bailey’s innovative work “An Universal Etymological English Dictionary”. For the rest of that century, it was more popular than Dr. Samuel Johnson’s Dictionary !

कारगिल की लड़ाई ( Kargil War - A Rapid Story )

1999 के शुरूआती महीनो में भारतीय इलाके की नियंत्रण सीमा रेखा की कई ठिकानो जैसे द्रास, मश्कोह , काकसर, और बटालिक पर अपने को मुजाहिद्दीन बताने वालों ने कब्ज़ा कर लिया । पाकिस्तानी सेना की इसमें मिलीभगत भांप कर भारतीय सेना इस कब्जे की खिलाफ हरकत में आई  इससे दोनों देशों की मध्य संघर्ष छिड़ गया । इसे "कारगिल की लड़ाई" की नाम से जाना जाता है । 1999  की मई - जून में यह लड़ाई जारी रही  26  जुलाई 1999  तक भारत अपने अधिकतर ठिकानो पर पुनः अधिकार कर चुका था ।  कारगिल की लड़ाई ने पूरे विश्व का ध्यान खींचा था  क्योकि इससे ठीक एक साल पहले दोनों देश पमाणु हथियार बनाने की अपील क्षमता का प्रदर्शन कर चुके थे ।   बरहाल, यह लड़ाई सिर्फ कारगिल की इलाके तक ही सीमित रही । पाकिस्तान में इस लड़ाई को लेकर बहुत विवाद मचा,   कहा गया की सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री को इस मामले में अँधेरे में रखा था ।  इस लड़ाई के तुरंत बाद पाकिस्तान की हुकूमत पर परवेज मुशर्रफ की अगुवाई में पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण कर लिया ।
युद्ध में इस निर्णायक जीत से देश में उत्शाह की लहर दौड़ गयी । अधिकांश भारतियों ने इसे गौरव की घडी की रूप में देखा और माना की भारत का सैन्य पराक्रम बल प्रबल हुआ है । 1971  की जंग की बाद इंदिरा गांधी की लोकप्रियता को चार चाँद लग गए । इस युद्ध की बाद अधिकतर राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए और अनेक राज्यों में कांग्रेस पार्टी बहुमत से जीती ।
भारत ने अपने सीमित संसाधनो की साथ नियोजित विकास की शुरुआत की थी । पडोसी देशो के साथ संघर्ष के कारन पंचवर्षीय योजना पटरी से उतर गयी । 1962  के बाद भारत को अपने सीमित संसाधन खासतौर से रक्षा क्षेत्र में लगाने पड़े । भारत को अपने सैन्य ढांचे का आधुनिकीकरण करना पड़ा ।  1962  में रक्षा विभाग और 1965  में रक्षा आपूर्ति विभाग  की स्थापना हुई ।  तीसरी पंचवर्षीय योजना ( 1961  - 1966 ) पर असर  पड़ा और इसके बाद लगातार तीन एक वर्षीय योजना पर अमल हुआ । चौथी पंचवर्षीय योजना 1969 में ही शुरू हो सकी । युद्ध की बाद भारत का रक्षा व्यय बहुत ज्यादा बढ़ गया ।

Start where you stand and never mind the past

Start where you stand and never mind the past,
The past won't help you in beginning new,
If you have left it all behind at last
Why, that's enough, you're done with it, you're through;
This is another chapter in the book,
This is another race that you have planned,
Don't give the vanished days a backward look,
Start where you stand.
The world won't care about your old defeats
If you can start anew and win success;
The future is your time, and time is fleet
And there is much of work and strain and stress;
Forget the buried woes and dead despairs,
Here is a brand-new trial right at hand,
The future is for him who does and dares,
Start where you stand.

-By Berton Braley

Aristotle - Introduction : ( अरस्तु का परिचय )

  • अरस्तु का जन्म ईसा पूर्व ३८४ मेसिडोनिअ सागर के ग्रीक कालोनी स्टेगिरा नमक स्थान पर हुआ
  • उनके पिता मेसीडोनियन रजा के शाही चिकित्सक थे
  • उस समय शिक्षा जगत में एथेंस कि महान प्रतिस्ठा थी
  • प्लेटो की अकादमी शिक्षा के महान केंद्र बन चुका था
  •  अरस्तु १६ वर्ष की आयु में यहाँ शिक्षा प्राप्त करने आया था
  • प्लेटो के बाद उसकी इक्षा अकादमी को सँभालने की थी परन्तु उसे यह पद न मिल सका
  • फिर उसने स्वयं अपनी शिक्षण संस्था ' Lyceum ' नाम से खोली
  • अरस्तु ने अपना अधिकांश जीवन अध्यापन में ही व्यतीत किया
  • उसने अपने शिष्यों को जो भाषण दिए उनके नोट्स का संग्रह आज ' Politics ' के नाम से विख्यात है
  • अरस्तु २० वर्ष तक प्लेटो का सदस्य रहा इसलिए प्लेटो की राज्य सम्बन्धी धारणाओ  का उस पर बड़ा प्रभाव था 
  • उसने अपने गुरु केविचारों का अँधा समर्थन नहीं किया अपितु उसकी समालोचना की है
  • उसके ६२ वर्ष के जीवन में उननि इतिहास का एक संक्रांतिकाल सन्निहित है
  • उसके शिष्य सिकंदर महान ने नगर व्यवस्था को छिन्न - भिन्न कर दिया था और एक महान साम्राज्य की नीव डाली परन्तु वह अपने विचारों से नगर का पोषक ही बना रहा
  • इसी कारण फास्टर लिखता है - He is unaffected by the movement of his own time and detached from the contemporary happening, The spirit which he express is that of the the classical age of Greece which was part befor he was born. 

भारतीय संविधान की अनुसूचियां


#प्रथम अनुसूची --
इस अनुसूची में भारत के 28  राज्य व 7  केंद्रशाषित प्रदेशो तथा राष्ट्रीय राजधानी छेत्र दिल्ली के बारे में उल्लेख किया गया है .
दिल्ली को राष्ट्रीय  राजधानी 69  वे संविधान संशोधन 1991 द्वारा घोसित किया गया था
#दूसरी अनुसूची --
इस अनुसूची में भारत के उच्च पदाधिकारियो  के वेतन तथा भत्तो का विवरण दिया गया है
इनका वेतन भारत की संचित निधि से दिया जाता है
#तृतीय अनुसूची --
इसमें विभिन्न पदाधिकारियो के शपथ पत्रो का विवरण दिया गया है
#चतुर्थ अनुसूची --
राज्यो तथा केंद्र शाषित प्रदेशो के लिए राज्यसभा की सीटो का वितरण किया गया है
#पांचवी अनुसूची --
अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए अलग से विशेष प्रशाशन और नियंत्रण की व्यवस्था की गयी है
#छठवी अनुसूची --
भारत के पूर्वोत्तर राज्यो के लिए विशेष प्रबंध किये गए हैं
( पूर्वोत्तर राज्य - असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, अरुणाचल, मिजोरम, नागालैंड ( 7 सिस्टर्स )
#सातवी अनुसूची --
केंद्र व राज्यो के मध्य शक्तियो का बंटवारा किया गया है
संघ सूची - 99 विषय
राज्य सूची - 61 विषय
समवर्ती सूची - 52 विषय
#आठवी अनुसूची --
भारत की 22  मान्यता प्राप्त भाषायों का उल्लेख किया गया है
प्रारम्भ में भाषायों की संख्या 14 थी
1967 में सिंधी भाषा, 1992 में कोंकड़ी, मणिपुरी, नेपाली को जोड़ा गया
2003 में जोड़ी जाने वाली भाषा मैथिली, संथाली, बोडो, डोगरी है
#नौवी अनुसूची --
इस अनुसूची को प्रथम संविधान संशोधन 1951 में संविधान में जोड़ा गया था
इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है
इसमें भूमि सुधार से सम्बंधित नियम बनाये गए हैं
#दशवीं अनुसूची --
इसे 52 वे संविधान संशोधन द्वारा 1985 में जोड़ा गया
इसमें दल-बदल निरोधी प्रावधानो का उल्लेख है
#ग्यारहवी अनुसूची --
इस अनुसूची को 73 वे संविधान संशोधन 1992 के द्वारा संविधान में जोड़ा गया
इस अनुसूची में अनुछेद 243  के तहत पंचायतीराज को संवेधानिक स्तर प्रदान किया गया है
तथा 29 विषय सूचीबद्ध किये गए है
#बारहवी अनुसूची --
इस अनुसूची को 74  वे संविधान संशोधन 1992 द्वारा संविधान में जोड़ा गया
यह अनुसूची शहरी निकाय से सम्बंधित है तथा इसे 18 विषय प्रदान किये गए है
 
नोट -
(अ) 1951 - 1952 तक प्रथम संसद के गठन तथा निर्वाचन तक अंतरिम संसद के रूप में संविधान सभा ने ही कार्य किया था
(ब) भारतीय संविधान के निर्माण में महान योगदान देने की वजह से डॉ. भीमराव आंबेडकर को भारत  के संविधान का पिता तथा आधुनिक मनु कहा जाता है

Milestones - Khushwant Singh

  • 1915: Born on February 2, 1915, in Hadali District Khushab, Punjab (now in Pakistan)
  • 1939-47: Practising lawyer, High Court, Lahore
  • 1951: Joined All India Radio in 1951 as a journalist
  • 1956:  Train to Pakistan  published
  • 1969-78: Editor of The Illustrated Weekly of India
  • 1974: Awarded the Padma Bhushan
  • 1980: Member of the Rajya Sabha till 1986
  • 1984: Returned the Padma Bhushan in protest against the storming of the Golden Temple
  • 2002: Autobiography  Truth, Love and a Little Malice published
  • 2007: Awarded the Padma Vibhushan