Aristotle - Introduction : ( अरस्तु का परिचय )
- अरस्तु का जन्म ईसा पूर्व ३८४ मेसिडोनिअ सागर के ग्रीक कालोनी स्टेगिरा नमक स्थान पर हुआ
- उनके पिता मेसीडोनियन रजा के शाही चिकित्सक थे।
- उस समय शिक्षा जगत में एथेंस कि महान प्रतिस्ठा थी
- प्लेटो की अकादमी शिक्षा के महान केंद्र बन चुका था
- अरस्तु १६ वर्ष की आयु में यहाँ शिक्षा प्राप्त करने आया था
- प्लेटो के बाद उसकी इक्षा अकादमी को सँभालने की थी परन्तु उसे यह पद न मिल सका
- फिर उसने स्वयं अपनी शिक्षण संस्था ' Lyceum ' नाम से खोली
- अरस्तु ने अपना अधिकांश जीवन अध्यापन में ही व्यतीत किया
- उसने अपने शिष्यों को जो भाषण दिए उनके नोट्स का संग्रह आज ' Politics ' के नाम से विख्यात है
- अरस्तु २० वर्ष तक प्लेटो का सदस्य रहा इसलिए प्लेटो की राज्य सम्बन्धी धारणाओ का उस पर बड़ा प्रभाव था
- उसने अपने गुरु केविचारों का अँधा समर्थन नहीं किया अपितु उसकी समालोचना की है
- उसके ६२ वर्ष के जीवन में उननि इतिहास का एक संक्रांतिकाल सन्निहित है
- उसके शिष्य सिकंदर महान ने नगर व्यवस्था को छिन्न - भिन्न कर दिया था और एक महान साम्राज्य की नीव डाली परन्तु वह अपने विचारों से नगर का पोषक ही बना रहा
- इसी कारण फास्टर लिखता है - He is unaffected by the movement of his own time and detached from the contemporary happening, The spirit which he express is that of the the classical age of Greece which was part befor he was born.